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वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा

Writer's picture: OP ChoudharyOP Choudhary

Updated: Aug 6, 2018

वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा, वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।

धन्य महाप्रांगण यह विंध्य प्रकृति क्रीड़ा का; वन मे वनपशुओं का विचरण स्वच्छन्द यहाँ; विहगों से कंठ मिला गाते नवगान सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

उषा के साथ जगें,प्रतिदिन मंगलमय हो; कार्य पूर्ण प्रतिपल हो,ज्ञान वृद्धि जनहित हो; अंतरतर का मधुमय गाये संगीत सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

तन मन जन प्राण मिला,नवयुग से नवगति ले, संग पवन मेघ गगन,संग सूर्य चाँद संग; तारे ग्रह चरण मिला,चलते नवचाल सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

साधक हैं समता के,सत्य न्याय करुणा के, हिन्द प्रेम सम्बल है,विश्व प्रेम साध्य बना; जन-जन मे ज्योति जगे,सत चित् आनन्द सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।

पायें वरदान कि हों अंकुर तरु मे परिणत, रस ले फल-फूलों से,स्वस्थ बने मानवता; 'शिव'हो कल्याण सखा,गूँजे जयकार सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा। वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।


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