वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा,
वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।
धन्य महाप्रांगण यह विंध्य प्रकृति क्रीड़ा का;
वन मे वनपशुओं का विचरण स्वच्छन्द यहाँ;
विहगों से कंठ मिला गाते नवगान सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
उषा के साथ जगें,प्रतिदिन मंगलमय हो;
कार्य पूर्ण प्रतिपल हो,ज्ञान वृद्धि जनहित हो;
अंतरतर का मधुमय गाये संगीत सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
तन मन जन प्राण मिला,नवयुग से नवगति ले,
संग पवन मेघ गगन,संग सूर्य चाँद संग;
तारे ग्रह चरण मिला,चलते नवचाल सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
साधक हैं समता के,सत्य न्याय करुणा के,
हिन्द प्रेम सम्बल है,विश्व प्रेम साध्य बना;
जन-जन मे ज्योति जगे,सत चित् आनन्द सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
पायें वरदान कि हों अंकुर तरु मे परिणत, रस ले फल-फूलों से,स्वस्थ बने मानवता; 'शिव'हो कल्याण सखा,गूँजे जयकार सदा, वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा। वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।
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